रायपुर. झीरम घाटी में शहीद हुए हमारे कई जवानों के शव 48 घंटे
बाद भी शासन-प्रशासन उनके घरों तक नहीं पहुंचा सका। इतना ही नहीं, सतना के
जवान मनमोहन सिंह के परिवार वालों को तो 36 घंटे बाद उनके शहादत की सूचना दी गई।
![कैसा सम्मान ! 48 घंटे बाद भी घर तक नहीं पहुंचा सके कई शहीदों के शव कैसा सम्मान ! 48 घंटे बाद भी घर तक नहीं पहुंचा सके कई शहीदों के शव](https://lh3.googleusercontent.com/blogger_img_proxy/AEn0k_u5KbFViIS-ShZ3tWlnFPXbOzvmwmhCXSralX_PkVgT3caMUcNVifclhQui1Lqc2-1Xo7HRDcqbPGWG7e8y6GFoDYPyuD_OKbMG717oSWPw5t9bu3jiKay9XB4-Bix_SrxgqKsRchRDJQhLd-8hYUxqJd3yGG2uzHpvwRENWPw93eMK=s0-d)
बुधवार को दस शहीद रायपुर के माना विमानतल लाए गए। पंजाब और कोलकाता के पांच शहीदों को तो वहीं से रवाना कर दिया गया, लेकिन सतना, ग्वालियर और अनूपपुर के पांच जवानों के शवों को ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। ये सभी मंगलवार की रात को भेजे गए। ये गुरुवार को पहुंचेंगे।
आगे की स्लाइड में देखिए जगदलपुर से रायपुर पहुंचे शहीद जवानों के ताबूत...
बुधवार को दस शहीद रायपुर के माना विमानतल लाए गए। पंजाब और कोलकाता के पांच शहीदों को तो वहीं से रवाना कर दिया गया, लेकिन सतना, ग्वालियर और अनूपपुर के पांच जवानों के शवों को ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। ये सभी मंगलवार की रात को भेजे गए। ये गुरुवार को पहुंचेंगे।
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