जयपुर. आमने-सामने की जंग हो या दुश्मन देश के ठिकानों को खाक
में मिलाना हो, थल सेना अपने तोपखाने की दम पर लड़ाई का रुख मोड़ सकती है।
हिलायल की चोटियों पर लड़ी गई कारगिल की लड़ाई हो या फिर राजस्थान और पंजाब
के मैदानी इलाकों की जंग, तोप हमेशा सबसे कारगर हथियार साबित हुए हैं।
भारतीय सेना में स्वीडिश बोफोर्स तोप के बाद पहली बार एक और तोप शामिल
होने जा रही है। देश में ही तैयार धनुष तोप बोफोर्स से डेढ़ गुना ज्यादा
ताकतवर होगी। सिक्किम में सर्दी के दौरान इसका परीक्षण किया गया था। अब
अंतिम परीक्षण गर्मी के दौरान राजस्थान के पोकरण और महाजन फायरिंग रेंज में
होगा।
No comments:
Post a Comment