इंदौर. आईआईएम इंदौर के छात्र हैं नीरज तकसांडे। सात साल पहले
इंजीनियरिंग करने के बाद आईआईएम में एडमिशन लिया तो पहले ही साल में
कंपनियां ऑफर देने लगीं। 15 लाख रुपए का सालाना पैकेज मिलना सामान्य बात
थी। चाहते तो कोई भी कंपनी ज्वॉइन कर लेते, लेकिन अंदर एक सपना पल रहा था
कि अपनी कंपनी हो और उसमें दूसरों को रोजगार दें।
उन्होंने दो पुराने इंजीनियर दोस्तों से बात की और बैंक से लोन लेकर
25 लाख में कंपनी खड़ी की। इस कंपनी का वैल्यूएशन कुछ महीनों में ही 10
करोड़ रुपए आंका गया है। मुंबई निवासी नीरज 29 मार्च को दीक्षांत समारोह
में पीजीपी की उपाधि लेंगे।
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